Pradeep Shrivastava

Pradeep Shrivastava మాతృభారతి ధృవీకరణ

@pradeepsrivastava70g

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Lucknow

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मन्नू की वह एक रात,बेनज़ीर-दरिया किनारे का ख्वाब,वह अब भी वहीं है,अनसुनी यात्राओं की नायिकाएं(उपन्यास)मेरी जनहित याचिका,हार गया फ़ौजी बेटा,औघड़ का दान,नक्सली राजा का बाज़ा,मेरे बाबू जी,मेराआख़िरीआशियाना,वो मस्ताना बादल(कहानी संग्रह)खण्डित संवाद के बाद( नाटक).कहानी,पुस्तक समीक्षाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित.हर रोज़सुबहहोतीहै(काव्य संग्रह), वर्णव्यवस्था पुस्तक का संपादन.लखनऊ में ही लेखन,संपादन कार्य में संलग्न. पुरस्कार-मातृभारती रीडर्स च्वाइस अवार्ड-2020,उत्तरप्रदेश साहित्य गौरव सम्मा-22