મૃગતૃષ્ણા - પારો

મૃગતૃષ્ણા - પારો మాతృభారతి ధృవీకరణ

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साखों से टूट जायें वो पत्ते नहीं हैं हम, आँधी से कहें औक़ात में रहें अपनीं.... -- -- माननीय राहत इंदौरी की क़लम से.