इस कहानी में नारी के विभिन्न रूपों और उनके संघर्षों को दर्शाया गया है। नारी, जो हमेशा जिम्मेदारियों को निभाती है, अपने जीवन में प्यार और सम्मान की हकदार है। सुहाना, एक माँ, अपनी बेटी के जन्म पर अपार खुशी महसूस करती है। उसने हमेशा यह प्रार्थना की थी कि उसे एक बेटी मिले, क्योंकि उसके परिवार में पहले कोई बेटी नहीं थी। जब उसकी बेटी का जन्म होता है, तो वह वादा करती है कि जो कठिनाइयाँ उसने सहन की हैं, अपनी बेटी को नहीं सहने देगी। सुहाना का जीवन भले ही दुःख में नहीं बीता, लेकिन वह हमेशा बेटी होने के कारण सीमित महसूस करती रही। उसे समाज द्वारा यह समझाया जाता था कि वह कुछ नहीं कर सकती। सुहाना ने शिक्षा में उत्कृष्टता हासिल की, लेकिन उसकी उड़ान हमेशा कागज तक ही सीमित रही। उसकी इच्छा थी कि वह अपने जन्मदिन को सभी के साथ मनाए, लेकिन उसे यह बताया गया कि बेटियों का जन्मदिन नहीं मनाया जाता। कहानी बताती है कि कैसे सुहाना अपने परिवार की परंपराओं और सीमाओं के बीच जीती है और अपनी बेटी के लिए एक बेहतर भविष्य की आशा रखती है।
मेरी बेटी-मेरी परछाई
Madhu Chhabra
द्वारा
हिंदी लघुकथा
Four Stars
3.9k Downloads
20.8k Views
विवरण
मेरी बेटी-मेरी परछाई
अन्य रसप्रद विकल्प
- हिंदी लघुकथा
- हिंदी आध्यात्मिक कथा
- हिंदी फिक्शन कहानी
- हिंदी प्रेरक कथा
- हिंदी क्लासिक कहानियां
- हिंदी बाल कथाएँ
- हिंदी हास्य कथाएं
- हिंदी पत्रिका
- हिंदी कविता
- हिंदी यात्रा विशेष
- हिंदी महिला विशेष
- हिंदी नाटक
- हिंदी प्रेम कथाएँ
- हिंदी जासूसी कहानी
- हिंदी सामाजिक कहानियां
- हिंदी रोमांचक कहानियाँ
- हिंदी मानवीय विज्ञान
- हिंदी मनोविज्ञान
- हिंदी स्वास्थ्य
- हिंदी जीवनी
- हिंदी पकाने की विधि
- हिंदी पत्र
- हिंदी डरावनी कहानी
- हिंदी फिल्म समीक्षा
- हिंदी पौराणिक कथा
- हिंदी पुस्तक समीक्षाएं
- हिंदी थ्रिलर
- हिंदी कल्पित-विज्ञान
- हिंदी व्यापार
- हिंदी खेल
- हिंदी जानवरों
- हिंदी ज्योतिष शास्त्र
- हिंदी विज्ञान
- हिंदी कुछ भी
- हिंदी क्राइम कहानी