इस कहानी का शीर्षक "आधे घंटे की चोरी" है। कहानी में दीपेश और सीमा एक विवाहित जोड़े हैं, जो रात में खाना खाने के बाद टहलने जाते हैं। सीमा मेघना नाम की अपनी बेटी के लिए चाय बना रही होती है, जबकि दीपेश उसे काम में लगे रहने के लिए टोकते हैं। दोनों की यह आदत है कि वे टहलने के दौरान अपने दिनभर की बातें साझा करते हैं। कहानी में एक पड़ोसन का भी जिक्र है, जो उनकी टहलने की आदत में बाधा डालती है। एक रात, जब सीमा और दीपेश टहलने निकले, तो उनकी पड़ोसन भी उनके साथ चलने लगती है, जिससे दीपेश का मूड खराब हो जाता है। अगले दिन, जब वे फिर से टहलने निकलते हैं, तो पड़ोसन फिर से उनके साथ जुड़ जाती है और सीमा यह कहती है कि वह अकेले नहीं टहलना चाहती। दीपेश इस स्थिति से नाखुश होते हैं, क्योंकि उसे अपनी पत्नी के साथ अकेले समय बिताने का मौका नहीं मिल रहा है। कहानी में रिश्तों की जटिलता, व्यक्तिगत स्थान की आवश्यकता और दैनिक जीवन की छोटी-छोटी घटनाओं को दर्शाया गया है।
आधे घंटे की चोरी
Devendra Gupta द्वारा हिंदी लघुकथा
Four Stars
1.8k Downloads
5.8k Views
विवरण
it s about a persons whose valuable time was waste by others and how he got back it
अन्य रसप्रद विकल्प
- हिंदी लघुकथा
- हिंदी आध्यात्मिक कथा
- हिंदी फिक्शन कहानी
- हिंदी प्रेरक कथा
- हिंदी क्लासिक कहानियां
- हिंदी बाल कथाएँ
- हिंदी हास्य कथाएं
- हिंदी पत्रिका
- हिंदी कविता
- हिंदी यात्रा विशेष
- हिंदी महिला विशेष
- हिंदी नाटक
- हिंदी प्रेम कथाएँ
- हिंदी जासूसी कहानी
- हिंदी सामाजिक कहानियां
- हिंदी रोमांचक कहानियाँ
- हिंदी मानवीय विज्ञान
- हिंदी मनोविज्ञान
- हिंदी स्वास्थ्य
- हिंदी जीवनी
- हिंदी पकाने की विधि
- हिंदी पत्र
- हिंदी डरावनी कहानी
- हिंदी फिल्म समीक्षा
- हिंदी पौराणिक कथा
- हिंदी पुस्तक समीक्षाएं
- हिंदी थ्रिलर
- हिंदी कल्पित-विज्ञान
- हिंदी व्यापार
- हिंदी खेल
- हिंदी जानवरों
- हिंदी ज्योतिष शास्त्र
- हिंदी विज्ञान
- हिंदी कुछ भी
- हिंदी क्राइम कहानी