कहानी "जमना" एक खूबसूरत महिला जमना के बारे में है, जो अपने पति मधुर की मृत्यु के बाद अकेले अपने सास-ससुर के साथ रहती है। गांव में ज्यादातर महिलाएं अपने बच्चों और बुजुर्गों के साथ रहती हैं, जबकि पुरुष काम के लिए शहर जाते हैं। हर मंगलवार एक वान गांव में आती है, जिसका इंतजार सभी महिलाएं करती हैं। जमना भी वहां आती है, लेकिन वह सिर्फ सबको देखकर मन ही मन दुखी होती है कि वह अपनी पसंद की चीजें नहीं खरीद सकती। जब वान का ड्राइवर मोहन जमना से पूछता है कि क्या वह कुछ खरीदना चाहती है, तो वह मना कर देती है और वहां से चली जाती है। मोहन को जमना के बारे में सोचकर सवाल उठते हैं, और उसकी सहेली उसे बताती है कि जमना ने अपने पति को खो दिया है और इसलिए वह खरीदारी नहीं कर सकती। जमना की स्थिति और उसकी सुंदरता के बावजूद उसके अंदर का दुख कहानी की मुख्य भावना है।
जमना-1
HASMUKH M DHOLA
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
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विवरण
Ye book Logo ke jivan me bite huye un pyaare lamho ki Hai Jo vo chahakar bhi Puri tarah se un lamho ko ji na sake, har ek Logo ke jivan me aise lamhe hote Hai Jo pyaar, ahesaas, aur bhaavanao seebadhe hue hote Hai ..Aise hu kuchh logo ke lamho ki shreni is book me prastut ki gayee Hai...
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