1. भक्ति अमृत रूपी प्रेम हैअथातो भक्ति व्याख्यास्यामः।।1।।सा त्वस्मिन परम प्रेमरूपा ।।2।।अर्थ : अब भक्ति की व्याख्या करता हूँ।।१।।वह ...
“यह ग्रंथ समर्पित है भारत के उन संतों को, जिन्होंने भक्ति की समझ देकर सामान्य जन को भी ईश्वर ...