Dr Yogendra Kumar Pandey - Stories, Read and Download free PDF

यशस्विनी - 14

by Yogendrakumar Pandey
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उधर वही हाल रोहित का था…. मैं योग साधना के मार्ग में यशस्विनी जी से जो सहायता मैं ले ...

यशस्विनी - 13

by Yogendrakumar Pandey
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रोहित और यशस्विनी में योग के विभिन्न चक्रों और नाड़ियों के संबंध में चर्चा हो रही है।- यह तो ...

यशस्विनी - 12

by Yogendrakumar Pandey
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" दीदी आप क्या हमारे रोहित महोदय की कहानी सुना रही हैं?" साधकों का ऐसा अनुमान लगता ...

यशस्विनी - 11

by Yogendrakumar Pandey
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लघु उपन्यास यशस्विनी: अध्याय 11: अपने भीतर की यात्रा रोहित का का मन दुखी हुआ कि उसकी ...

यशस्विनी - 10

by Yogendrakumar Pandey
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इसके बाद यशस्विनी ने साधकों से भी इस योग का अनुसरण करने के लिए कहा और प्रणाम आसन के ...

यशस्विनी - 9

by Yogendrakumar Pandey
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यशस्विनी को लेकर दोनों के मन में अत्यंत कोमल भावनाएं थीं।एक गहरा वात्सल्य भाव था और इसी के चलते ...

यशस्विनी - 8

by Yogendrakumar Pandey
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" यार गोपी, अभी कौन पटाखे चलाता है। अभी तो शाम ही हुई है। जब रात होगी ना, तो ...

यशस्विनी - 7

by Yogendrakumar Pandey
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पिछले कई दिनों से अपने निज कक्ष में ध्यान के समय यशस्विनी को विचित्र तरह की अनुभूतियां होती हैं।जब ...

यशस्विनी - 6

by Yogendrakumar Pandey
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साधकों के मन में योग को लेकर अनेक जिज्ञासाएँ थीं। प्रारंभिक अभ्यास में ही यशस्विनी ने साधकों को प्राणायाम ...

यशस्विनी - 5

by Yogendrakumar Pandey
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योग साधना के ढीले ढाले वस्त्र पहनकर यशस्विनी साधना के हाल में पहुंची। यह एक बड़ा खुला स्थान था ...