Yasmeen Khan - Stories, Read and Download free PDF

तेरा ज़हर, मेरी मोहब्बत - 5

by Yasmeen Khan
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एपिसोड 5: “तेरे जज़्बातों की गिरफ़्त में…”“कभी-कभी कोई छू भी न पाए… फिर भी उसकी सोच रूह में उतर ...

तेरा ज़हर, मेरी मोहब्बत - 4

by Yasmeen Khan
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एपिसोड 4: “वो छुअन जो रूह तक उतर गई”कमरे में एक गहराई थी।जैसे हवाएं भी ठहर गई थीं,और दीवारें ...

तेरा ज़हर, मेरी मोहब्बत - 3

by Yasmeen Khan
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Episode 3: “तेरे नाम की कैद, मेरे जिस्म की सज़ा”“मुझे उससे डर नहीं लगता था… मुझे डर था खुद ...

तेरा ज़हर, मेरी मोहब्बत - 2

by Yasmeen Khan
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Episode 2: “इस रिश्ते में तेरा नाम नहीं, बस मेरा हक़ है”सुबह की धूप 16वीं मंज़िल की बालकनी में ...

तेरा ज़हर, मेरी मोहब्बत - 1

by Yasmeen Khan
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Episode 1: “शुरुआत नहीं, सौदा था”“19 साल की थी मैं, जब ज़िंदगी ने मुझे बेच दिया था…”बरसों से जिसे ...