Vandana Bajpai - Stories, Read and Download free PDF

बेवकूफ

by Vandana Bajpai
  • 8k

बेवकूफ लखपत राय चाचा जी के घर हमारा पुराना आना-जाना रहा है | लखपतराय जी मेरे पिता के मित्र ...

बेआवाज़ तमाचा

by Vandana Bajpai
  • 5.6k

बेआवाज़ तमाचा “उफ़ दीदी कितना पढ़ोगी ?” छोटे भाई के सवाल पर एकता ने मुस्कुरा कर कहा, “बिट्टू किताबें ...

दूसरा फैसला

by Vandana Bajpai
  • (4.5/5)
  • 7.5k

दूसरा फैसला मीरा ने नंबर देखा, माँ का फोन था, एक बार होठों पर मुस्कराहट तैर गयी, ये नंबर ...

चूड़ियां

by Vandana Bajpai
  • 12.2k

चूड़ियां न जाने क्यों आज उसका चेहरा आँखों के आगे से हट नहीं रहा है,चाहे कितना भी मन बटाने ...

फुलवा

by Vandana Bajpai
  • 11.6k

फुलवा उफ़ ! अभी तक महारानी नहीं आयीं, घडी देखते हुए मेरे मुँह से स्वत: निकल गया | सुबह ...

इंतज़ार

by Vandana Bajpai
  • (4.4/5)
  • 8.8k

इंतज़ार देखो, " मैं टाइम पर आ गयी" कहते हुए दिपाली ने जोर से हाथ लहराया | "क्या हुआ?" ...

अपने–अपने ईश्वर

by Vandana Bajpai
  • 11.5k

अपने–अपने ईश्वर उस समय मैं शायद ढाई या तीन साल की बच्ची थी| जब घर के मंदिर में माँ ...