यह रहा अफ्रीका मिशन का मेहनताना।" बूढ़े गुरु वशिष्ठ जी ने एक पुराने, फटे हुए कपड़े में लिपटा छोटा ...
रात्रि का अंधकार धीरे-धीरे शिवधाम की घाटियों पर उतर रहा था। चांद की दूधिया रोशनी उस शांत नदी पर ...