नवम अध्यायनिष्कासनबादामीहाथ में भाला लिए दौड़ता हुआ एक सैनिक नदी के तट पर सूर्यवंदना समाप्त कर रहे शिवादित्य के ...
अष्टम अध्यायभीलों की समस्याएक मास के भीतर ही शुभ महूर्त देखकर गुहिलवंशी नागादित्य और राजकुमारी मृणालिनी का विवाह सम्पन्न ...
सप्तम अध्यायभोजकश में प्रेम पड़ावअगले दो दिवस में ही मेवाड़ की सम्पूर्ण सेना ने विजयपुरा की भूमि छोड़ दी। ...
षष्ठम अध्यायकांचीपुरम का युद्धअगले दिन प्रातः काल शस्त्राभ्यास के उपरान्त कालभोज ने अखाड़े के बाहर रखा मटका उठाया और ...
पूर्व कथाकालभोजादित्य रावल(श्री बप्पा रावल श्रृंखला खण्ड एक)कहानी शुरू होती है मेवाड़ के एक नगर नागदा से जहाँ भीलों ...
पंचम अध्यायमहाशिवरात्रि उत्सवमुहम्मद बिन कासिम सिंध को जीतने के अभियान पर निकल पड़ा। दस तालुकदारों ने सिंध के महाराज ...
चतुर्थ अध्याय कासिम की योजना[इराक की राजधानी (बगदाद)]चार ऊँटों को अखाड़े में लाया गया। ऊपर बैठे दर्शकों की तालियों ...
तृतीय अध्यायकालभोजादित्य रावलकुछ दिनों की यात्रा के उपरान्त कालभोज (बप्पा रावल) नागदा ग्राम की सीमा पर आया। भीलों के ...
द्वितीय अध्यायसिन्धी गुप्तचर दलहिन्द-सेना ब्राह्मणाबाद के किले की रक्षा में सफल हो चुकी थी। पूरे नगर के सबसे ऊँचे ...
प्रथम अध्यायब्राह्मणाबाद की विजयरण में शवों के ढेर के बीचों बीच तीन-तीन विकराल अश्व और उस पर सवार हुए ...