Husn Tabassum nihan - Stories, Read and Download free PDF

दोज़खी

by Tawassum niha
  • 8.6k

हुस्न तबस्सुम निहाँ रहमत के घर फिर अचानक तोड़-फोड़ शुरू हो गई थी। लोग बाग दौड़ पड़े थे और ...

विकासवाद

by Tawassum niha
  • (4.5/5)
  • 6.3k

विकासवाद गांव अपने स्वाभाविक सुरमईपन में घुल रहा था। खलिहानों से खेत की मेड़ों तक धीमे-धीमें उस अंधेरे में ...

रेल में रेगिस्तान

by Tawassum niha
  • (4.6/5)
  • 6.6k

रेल में रेगिस्तान रात एक बजे का समय। बंगलौर की ओर प्रस्थान करने वाली कर्नाटक एक्सप्रेस जलगांव के समीप ...

ये बेवफाइयां

by Tawassum niha
  • (4.7/5)
  • 7.6k

ये बेवफाइयां मेरे दोनों शौहर आपस में भिड़े पड़े थे और मैं तकिए के गिलाफ में बूटें काढ़ती हुई ...

ये डूबना साहिलों पे

by Tawassum niha
  • (4.7/5)
  • 7.6k

ये डूबना साहिलों पे ‘‘अम्मी...ओ अम्मी...जल्दी उठो...सुनो तो...नसीमा भाग गई’’ ‘‘हैं..कि...किसके साथ...?’’ अम्मी चद्दर फेंक के उठ बैठीं। और ...

भई यह दुनिया है दुनिया

by Tawassum niha
  • (4.4/5)
  • 7.5k

भई यह दुनिया है दुनिया सुभान भाई के घर से अलस्सुबह सयास ही दहाड़ मारू रूदन का सोता फूट ...

फिरोजी रेखाओं के नीड़

by Tawassum niha
  • (4/5)
  • 7.9k

फिरोजी रेखाओं के नीड़ प्रेम हमेशा स्थिर नहीं रहता। यह चंद्रमाओं की कलाओं की तरह घटता रहता है...बढ़ता रहता ...

निर्मम अंधेरे

by Tawassum niha
  • (4/5)
  • 7.9k

निर्मम अंधेरे ‘‘ हे....दीदी, तू हिजड़ी है का ?‘‘ -छुटके ने तपाक से बोला तो डेहरी पर से लहसुन ...

दायरों के दरम्यां

by Tawassum niha
  • (4.3/5)
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दायरों के दरम्यां अचानक सुबह फोन बजा तो अब्बा चैंक पड़े। रिसीव किया तो पता चला अगले महीने अफजल ...

तैय्यब अली प्यार का दुश्मन

by Tawassum niha
  • (5/5)
  • 10.8k

तैय्यब अली प्यार का दुश्मन दिन का मुँह धुंआं धुआं हो रहा था। सूरज अपने कंधे पर दिन का ...