प्रिय बाऊजी,मुझे पता है कि ये पत्र आपको कभी नहीं मिलेगा, मैं जानती हूँ, आपका इस दुनियाँ से पता ...
हाँ.. मुक्त हो जाना चाहा मैने सारे स्नेह बंधनो से अपने ही बनाये तमाम घेरो से और तुम्हारे बनाये ...