Singh Srishti - Stories, Read and Download free PDF

मोहबत ए जईफ (वेलेंटइन स्पेशल)

by Singh Srishti
  • 5.8k

फ़रवरी का महीना और सर्द की विदाई शुरू हो चुकी थी अब सर्दी को लोग बस एक लंबे समय ...

एक रात तेरी याद में.....

by Singh Srishti
  • 5.2k

दिल लगाना शायद उतना भी आसान नहीं, किसी से इश्क़ फरमाना वो भी आज के जमाने मे तो बिल्कुल ...

घर में क़ैद आज़ादी

by Singh Srishti
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आज स्वतंत्रता दिवस है ! आज़ादी का दिन,तो बेशक सब बाहर आज़ादी का जशन मना रहे हैं, हर जगह ...

बदनाम राखी

by Singh Srishti
  • 7.3k

बेहद खूबसूरत लगता है ना रात के वक़्त सफर करना और इन ठंडी हवाओं से ना जाने कितनी बातें ...

अधूरा इश्क़ - 2

by Singh Srishti
  • 5.2k

जैसे की अपने पहले ही जान लिया कि एक लड़के और लड़की की एक हसीन तो नहीं कह सकते ...

वो अधूरा इश्क़ - 1

by Singh Srishti
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फ़ुरसत का दिन था दोपहर भर के बाद करीब शाम के तीन सवा तीन का वक्त होगा मैं दोस्तों ...

जनता सब जानती है

by Singh Srishti
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जनता से नेताओ का रिश्ता आज का नहीं है जनाब हमारा इनका तो खानदानी अफसाना है हां वो बात ...

कहानी मेरी कामयाबी की...

by Singh Srishti
  • (3.9/5)
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कामयाबी के सपने बुनते हुए मैं नए सफर की ओर बढ़ रही थी। बाहर के दृश्य को रोचकता से ...

वाह रे तारीफें

by Singh Srishti
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प्रिया आज भी कॉलेज में झगड़ा करके आयी और घर पर आते ही सारा सामान तोड़ फोड़ करने लगी, ...