श्री गुरु नानक देव जी ने अपने हाथों से उन साधुओं को भोजन दाल रोटी और वस्त्र अपने हाथों ...
जब सांप ने श्री गुरु नानक देव जी के चेहरे पर धूप पडती देखी तो तो उस सांप ने ...
तब गुरू नानक देव जी ने अपनी पट्टी पाधे पंडित को सौंप दी पाधा पट्टी देखकर हैरान रह गया ...
श्री गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा विक्रमी समवत् 1526के अनुसार 20अक्तूबर 1469ईस्वी तलवंडी राई भोइ जिला ...
मोना ने हैरानी से कहा तुम तो इतनी पढी़ लिखी हो कैसे इस की चुंगल फंस गई तो तारा ...
और तारा ने अब सोच लिया था कि मुझे तेजस अब बच कर रहन होगा क्योंकि इसे मुझ पर ...
और अब तारा को सब कुछ याद आने लगा कि कैसे तेजस ने मुझे अपने प्यार में फंसाया और ...
तेजस उस पठान से कह रहा था आज तक आपने ऐसा माल कही नही देखा होगा और तारा बाहर ...
और तारा को कमरे में छोड़ कर तेजस कही चला गया था और तारा अपना कमरा देख रही थी ...
तारा तेजस से बात करते हुए कह रही थी किसी की जिंदगी में कब बदलाव आ जाये ये कोई ...