डॉ. शैलजा श्रीवास्तव - Stories, Read and Download free PDF

साथिया - 124

by Dr. Shelja
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तु मेरे पास है मेरे साथ है और इससे खूबसूरत कोई एहसास नही। आज सुकून मिला है इस बेताब ...

साथिया - 123

by Dr. Shelja
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मनु ने सांझ को ले जाकर अक्षत के कमरे में बेड पर बिठाया और उसका घूंघट नीचे कर दिया ...

साथिया - 122

by Dr. Shelja
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साधना ने दरवाजे पर ही अक्षत और ईशान को रोक दिया और फिर दोनों बेटों के उनके जीवनसाथी के ...

साथिया - 121

by Dr. Shelja
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शालू और सांझ आराम से बिस्तर पर लेटी अपनी-अपनी मेहंदी देख रही थी।"कितनी अच्छी फीलिंग होती है ना शालू ...

साथिया - 120

by Dr. Shelja
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" डोन्ट वारि सांझ इतना नही करूँगा कि बर्दास्त न हो उनसे..!! पर तुम भूल सकती हो और माफ ...

साथिया - 119

by Dr. Shelja
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थोड़ी थोड़ी देर में सब लोग तैयार होकर हॉल में इकट्ठे हो गए थे।जहां पर ईशान शालू अक्षत और ...

साथिया - 118

by Dr. Shelja
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अक्षत घर आया और तो देखा हॉल में ही साधना और अरविंद बैठे हुए हैं।"क्या हुआ आप लोग इस ...

साथिया - 117

by Dr. Shelja
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उधर अबीर और मालिनी घर की तरफ आ रहे थे।"क्या लगता है तुमको मालिनी सांझ माफ करेगी मुझे..?? इतनी ...

साथिया - 116

by Dr. Shelja
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" तुम अब मेरे पास हो मेरे करीब..!! अब तुम्हें कोई भी नहीं छू सकता इसलिए तुम बिल्कुल निश्चित ...

साथिया - 115

by Dr. Shelja
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अक्षत ने उसे वापस बिस्तर पर लिटाया और उसके माथे को चूम जैसे ही दूर जाने को हुआ सांझ ...