S Bhagyam Sharma - Stories, Read and Download free PDF

अपराध ही अपराध - भाग 38

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 38 “माय गॉड। फिर यह अटैक भी हो सकता है” झुक घर उन्हें ध्यान से देखने लगा। ...

अपराध ही अपराध - भाग 37

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 37 पिछला सारांश: विवेक ने अपने अप्पा से, धनंजयन ने उसको दिए धमकी के बारे में बताया। दामोदरन ...

अपराध ही अपराध - भाग 36

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 36 “धना तुम गलत फैसला नहीं करोगे ऐसा तुम्हारे ऊपर मुझे भरोसा है इसलिए तुम जो करना ...

अपराध ही अपराध - भाग 35

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 35 पिछला सारांश: कार्तिका इंडस्ट्रीज के संस्थापक कृष्णराज का तीसरा असाइनमेंट पूरा न करने के लिए उनके हिस्सेदार ...

अपराध ही अपराध - भाग 34

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 34 हां कह देंगे वैसे ही हम ड्यूटी के काम को भी थोड़ा देख लेते हैं।’ “इस शादी ...

अपराध ही अपराध - भाग 33

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 33 पिछला सारांश: अनाथालय में उस बच्चों को भेज दिया ऐसा बताया।’कार्तिका इंडस्ट्रीज के मालिक कृष्ण राज ...

अपराध ही अपराध - भाग 32

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 32 “अभी कुछ दिन पहले एक तेलुगु पिक्चर में मैंने देखा। एक हीरो उड़ने वाले हेलीकॉप्टर को ...

अपराध ही अपराध - भाग 31

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 31 पिछला सारांश: कार्तिका इंडस्ट्रीज कंपनी के मालिक कृष्ण राज अपना तीसरा असाइनमेंट धनंजयन को बताते हैं। इसे ...

अपराध ही अपराध - भाग 30

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 30 किसी तरह ढूंढ कर उन्हें यह शुरुआत मिल ही गया। “बहुत-बहुत धन्यवाद सर। हमारे लिए बहुत ...

अपराध ही अपराध - भाग 29

by S Bhagyam Sharma
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अध्याय 29 पिछला सारांश कार्तिका इंडस्ट्रीज के संस्थापक कृष्णा राज के दिए दो असाइनमेंट्स को सफलतापूर्वक पूरा करने पर ...