Santoshi 'katha' - Stories, Read and Download free PDF

इश्क बेपरवाह नहीं तेरा... - 4

by Santoshi 'katha'
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इसी तरह लगभग 15 दिन बीत गए,, वैशाली अब पुरी तरह ठीक लग रही थी। वो धीरे धीरे चलने ...

इश्क बेपरवाह नहीं तेरा... - 3

by Santoshi 'katha'
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Ch 2__वैभव वैशाली को बहोत प्यार से सुप पीलाने लगा... हर चम्मच को वो पहले फूक मारक ठंडा करत ...

इश्क बेपरवाह नहीं तेरा... - 2

by Santoshi 'katha'
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रात को वैशाली और वैभव का बड़ा झगड़ा हुआ। जिससे दोनों एक-दूसरे से बहोत नाराज़ हुए।अब आगे...सुबह का समय,वैभव ...

इश्क बेपरवाह नहीं तेरा... - 1

by Santoshi 'katha'
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Ch.1__सुबह का वक़्त___"वैशू... वैशू... यार मेरा पर्स कहा है, जल्दी करो मुझे देर हो रही है "एक लड़का जो ...

विद्या का दुसरा मौका...

by Santoshi 'katha'
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" कहते हैं सपना तो सपना ही होता है प्रभु! उसकी उम्र नहीं होती, और जो सपना एक उम्र ...