Rudra S. Sharma - Stories, Read and Download free PDF

यथावत्ता प्रकाश के यथावत् ज्ञान की

by Rudra Sanjay Sharma
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यथावत्ता प्रकाश के यथावत् ज्ञान कीअधिकतर हम देखते हैं कि कुंडली तो शुभ योगों या फलों कि ओर या ...

Letter From Me - 2

by Rudra Sanjay Sharma
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Friends! what I sense, feel or observed, based on the same, do according to you, am I am doing ...

Letter From Me - 1

by Rudra Sanjay Sharma
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I am everyone's sense of loneliness, just bcoz I want's to be so, I want to be the one ...

एक अंत की प्राप्ति ही शाश्वत अतएव सर्वश्रेष्ठ सफलता हैं।

by Rudra Sanjay Sharma
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अकेला हों जाना ही दुनिया की सबसे बड़ी सफलता हैं, और मैं दुनिया का सबसे सफल इंसान और जो ...

मैं एक अंत हूँ एकांत!

by Rudra Sanjay Sharma
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मैं एक अंत हूँ एकांत!प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष जुड़ाव महसूस किसी को हों या नहीं भी हों पर सब जो ...

मैं अकेला नहीं हूँ मेरा अकेलापन मेरे साथ हैं।

by Rudra Sanjay Sharma
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किसनें कहा कि मैं अकेला पड़ गया ..? मैं उस सभी के एकमात्र सच्चे रिश्तेदार अकेले पन यानी एकांत ...

ऐकले चलों रें, अकेले बढ़ो रें ..!

by Rudra Sanjay Sharma
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लेखन परिचय - रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, सत्य मतलब की अज्ञान के ...

Everything And Everyone Are Self Dependent Because All Are Dependent On Each Other.

by Rudra Sanjay Sharma
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About Theorist and His Theories - (), () ()रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, ...

About Shruprra Psychology

by Rudra Sanjay Sharma
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To,meet@sandeepmaheshwari.comमहत्वपूर्ण पहले मैं नहीं बल्कि मेरा दर्शन और मानसिकता का विज्ञान यानी सुसंगठित और सुव्यवस्थित सभी नश्वर इंद्रियों के ...

जागृति आवाहन

by Rudra Sanjay Sharma
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।। पत्र ।। बात मन के भावनात्मक दायरें से निकली हैं, बुद्धि आदि के आयाम से, बिना भावनात्मक आयाम ...