Rishi Sachdeva - Stories, Read and Download free PDF

muje vaapas bula lo
muje vaapas bula lo

मुझे वापस बुला लो

by Rishi Sachdeva
  • 7.9k

"शब्द मेरे हैं पर भाव शायद आपके मन के भी वहीं हो जो मेरे मन के"आनंद मूवी में राजेश ...

Swarnim bharat ki aur
Swarnim bharat ki aur

स्वर्णिम भारत की और......

by Rishi Sachdeva
  • 8.6k

कठिन समय है, मानवीय संवेदनाएँ काँच की तरह होती है, कब टूट जाये , पता ही नहीं लगता।मनोवैज्ञानिकों का ...

Abhivyakti - 1
Abhivyakti - 1

अभिव्यक्ति - काव्य संग्रह पार्ट- 1

by Rishi Sachdeva
  • 6.4k

"निःशब्द"शब्द को निःशब्द कर दूं, वाणी को विराम दूँ,,ह्रदय में है आज कुछ ऐसा करूँ की स्वयं को अभिमान ...

lok down ke panne  - prakruti kuchh kahti hai
lok down ke panne  - prakruti kuchh kahti hai

लॉक डाउन के पन्ने - प्रकृति कुछ कहती है :

by Rishi Sachdeva
  • 7.3k

"ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा" और निश्चित रूप से ये समय भी जीवन में दुबारा नहीं आएगा।अधिकांश लोगों का मानना ...

Thappad - bus itni si baat
Thappad - bus itni si baat

थप्पड़ - बस इतनी सी बात

by Rishi Sachdeva
  • (4.6/5)
  • 10.1k

एक ऑरेंज कैंडी का मज़ा लेते फ़िल्म के किरदारों के संग मस्ती से शुरू हुई और न जाने कहाँ-कहाँ ...

Sigarate - Raakh Zindagi
Sigarate - Raakh Zindagi

सिगरेट - राख - ज़िन्दगी

by Rishi Sachdeva
  • 8.5k

मैं अपनी बॉल्कनी से तुम्हारी बॉल्कनी की और देखता हूँ, पर नहीं देख पाता तुम्हे, शायद इसलिये की तुम ...

Yaadein
Yaadein

यादें

by Rishi Sachdeva
  • (3.7/5)
  • 22.9k

""यादें""कुछ अधूरे ख्वाब देखे मैंने कल रात,अजीब से थे, मैंने भुला दिया था तुम्हे, तुम्ही ने कहा था की ...