शाम के लगभग छः बज रहे थे। पतिदेव के ऑफिस से घर आने का वक्त हो रहा था । ...
दिसम्बर का महीना उसपर से दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड और सुबह के छः बजे अचानक फ़ोन की घंटी बजे ...
वो रात कुछ यूँही सोते जागते गुजरी थी, आकर्ष और महक की। आकर्ष को दोपहर की फ़्लाइट से दिल्ली ...
न जाने कितने लोग रोज अपने अपनों को बेगाना करके इस दुनियां को अलविदा कहकर चले जाते हैं| उनकी ...