मधु मेरी कॉलेज की सहपाठी, मेरी अभिन्न सहेली आज मेरे शहर, मेरे घर पर आ रही थी। मेरी खुशी ...
भाग १० वर्तमान --- "टी टी टी टी टी टी" अलार्म के बजने से नीता विचारों की निद्रा से ...
भाग ९ हॉटेल के रास्ते में दोनों के बीच एक अजीब सी खामोशी थी। कभी घंटों घंटों बात करने ...
भाग ८ ६ माह बाद --- लाल साड़ी, माथे पर लाल बिंदी, माँग में सिन्दूर और कलाई भर चूड़ियाँ ...
भाग ७ नीता को जौनपुर पहुँचे एक हफ्ता बीत चुका था। नीता बहुत उदास थी। दिन रात रोती रहती ...
भाग ६ रवि कॉलेज के बाहर नीता का इंतज़ार कर रहा था। दोपहर के १२ बजे तक नीता नहीं ...
भाग ५ जैसे ही नीता ने घर में प्रवेश किया तो देखा कि शशिकांतजी बैचेनी से टहल रहे थे ...
भाग ४ नीता मंदिर के पिछवाड़े पहुँची। चूँकि दोपहर का समय था इसलिए मंदिर में सन्नाटा था। "ट्रॉफी जीतने ...
भाग ३ रवि के पिता बृजभूषण मैनी का तबादला कुछ दिनों पहले ही जबलपुर में हुआ था। वे उसी ...
भाग २ २० वर्षीय नीता बी.ए. फाइनल ईयर में पढ़ रही थी। अपने कॉलेज की टॉपर और अन्य गतिविधियों ...