Ratan Nath Sarshar - Stories, Read and Download free PDF

पी कहाँ? - 9

by Ratan Nath Sarshar
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है दुनिया दुरंगी मकारा-सराय कहीं खूब-खूबाँ, कहीं हाय-हाय दुनिया के यही माने हैं। गो यह शेर भदेसल है, मगर कदर के ...

पी कहाँ? - 8

by Ratan Nath Sarshar
  • 6.2k

अब इधर का हाल सुनिए कि नूरजहाँ बेगम की माँ और बहन उसी जंगल के बाग में साहबजादी की ...

पी कहाँ? - 7

by Ratan Nath Sarshar
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शर को रातब दिया जाता था, और वह साहबजादा, कि खुद रियासत का मालिक था, दिल बहलाने के लिए ...

पी कहाँ? - 6

by Ratan Nath Sarshar
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एक साफ-सुथरी, नफीस-सी जगह पर - जिसके हर पेड़-पालो, फल-फूल जड़ी-बूटी, घास-पत्‍ती, हवा-पानी, जमीन-आसमान, आस-पास की हर चीज से ...

पी कहाँ? - 5

by Ratan Nath Sarshar
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एक बढ़िया और नफीस और खूबसूरत बजरे पर एक बहुत खूबसूरत लड़का एक बड़े लंबे चौड़े तालाब में अपने ...

पी कहाँ? - 4

by Ratan Nath Sarshar
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पीतल के एक खूबसूरत पिंजड़े में एक काला कोयला-सा जानवर भुजंगे की औलाद, जंगली कौवे का नामलेवा, कोयल का ...

पी कहाँ? - 3

by Ratan Nath Sarshar
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मियाँ जोश की मशहूर चढ़ाई पर एक बहुत ऊँचा टीला था। उस पर एक खस से छाया हुआ खुशनुमा ...

पी कहाँ? - 2

by Ratan Nath Sarshar
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कसबे से डेढ़ कोस के फासले पर एक बड़ा लंबा-चौड़ा अहाता है, दीवारें चौतरफा बहुत ऊँची-ऊँची। अहाते के बड़े ...

पी कहाँ? - 1

by Ratan Nath Sarshar
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'पी कहाँ! पी कहाँ! पी कहाँ! पी कहाँ!' मंगल का दिन और अँधेरी रात, बरसात की रात। दो बज ...

हुश्शू - 9

by Ratan Nath Sarshar
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लाहौर ! लाहौर ! लाहौर ! शैतान दूर लाला जोती परशाद साहब 'हुश्‍शू' को अब हम 'हुश्‍शू' न कहेंगे। क्‍योंकि अब ...