सब कुछ पहले की तरह है, लेकिन अब कोमल में शायद पहले जैसी कोमलता नहीं रही। हर छोटी बातों ...
हम सब सच को श्रेष्ठ मानते हैं, सच से बड़ा मूल्य जीवन में शायद कुछ भी नहीं सच से ...
शक्तिमान मैं तुम्हें चिट्ठी लिखना चाहती हूं, लेकिन मुझे तुम्हारे घर का पता नहीं मालूम । तुम्हारे लिए चिट्ठी ...
दिसंबर तुम मेरे लिए सबसे खास हो, सबसे करीब भी..खास क्यों ये मैं नहीं जानती लेकिन इतना पता है ...
उलझन, असल में मैं जब भी इस शब्द को सुनती हूं तो मुझे लगता है किसी ने मानो मेरे ...