प्रियंका गुप्ता - Stories, Read and Download free PDF

यादें - 2

by प्रियंका गुप्ता
  • 5.5k

एक अजीब सी बेचैनी तारी हो गई थी मुझ पर...। क्या हो रहा होगा वहाँ...? काश, मैं तुम्हारे साथ ...

यादें - 1

by प्रियंका गुप्ता
  • 9.4k

यादें...यादें...और यादें...। कितनी अजीब होती हैं न यादें...? कभी ब्लैक एण्ड व्हाइट, तो कभी सतरंगे इंद्रधनुष-सी रंग-बिरंगी...। वही यादें ...

टुकड़ा-टुकड़ा ज़िन्दगी - 2

by प्रियंका गुप्ता
  • 5k

फ़ैज़ान मियाँ एकदम खामोश हो गए। आलिया आखिर कैसा वादा चाह रही थी...बिन जाने कैसे खुदा को हाज़िर-नाज़िर जान ...

टुकड़ा-टुकड़ा ज़िन्दगी - 1

by प्रियंका गुप्ता
  • 5.1k

ढोलक की थापों के साथ बन्ना घोड़ी गाने वाली का सुर भी तार-सप्तक नापने लगता था। बीच-बीच में कहीं ...

झिरी - 2

by प्रियंका गुप्ता
  • 4.3k

बत्ती फिर जला तेज़ी से वो दरवाज़े की ओर लपका। कुंडी खोल दरवाज़े को खींचा तो याद आया, वो ...

झिरी - 1

by प्रियंका गुप्ता
  • 5k

चाँद किसी बदमाश बच्चे सा पेड़ की फुनगी पर जा टँगा था...गोल मटोल से चेहरे पर शरारती मुस्कान लिए ...

कहानी ऐसे थोड़े न लिखी जाती है... - 2

by प्रियंका गुप्ता
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निर्मल बाहर क्या गया, मानो मेरी आत्मा ले गया...। दिन काटे नहीं कटता था...। माँ भी बहुत खालीपन महसूस ...

कहानी ऐसे थोड़े न लिखी जाती है... - 1

by प्रियंका गुप्ता
  • 10.6k

कई दिनो से सोच रही हूँ, कोई कहानी लिखूँ। आप भी सोचेंगे, ये कहानी लिखने का आइडिया मेरे दिमाग़ ...

कभी यूँ भी तो हो... - 2

by प्रियंका गुप्ता
  • (4.3/5)
  • 5k

दो-तीन दिनो तक मेरी हिम्मत ही नहीं हुई थी सागर को फोन करने की...फिर आखिरकार फोन कर ही दिया। ...

कभी यूँ भी तो हो... - 1

by प्रियंका गुप्ता
  • 5.7k

नर्स ने आकर मुझे झकझोरा तो सहसा मैं जैसे एक बहुत गहरे कुऍ से बाहर आई। दो पल को ...