Prafulla Kumar Tripathi - Stories, Read and Download free PDF

पुस्तक समीक्षा- ढोली दगड़ू डोम (उपन्यास)

by Prafulla Kumar Tripathi
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पुस्तक-"ढोली दगड़ू डोम" (उपन्यास) के लेखक जनाब-गयास -उर-रहमान-सैयद हैं और हिंदी में अनुवाद किया है अनवर मिर्जा ने। इसके ...

पुस्तक समीक्षा उपन्यास - प्रतापगढ़ न्यूज

by Prafulla Kumar Tripathi
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"प्रतापगढ़ न्यूज " मूलत: एक सस्पेंस उपन्यास है |इसका कथानक पेशे से एक वकील सत्येन्दु और एक समाचार पत्र ...

गोमती, तुम बहती रहना - 9

by Prafulla Kumar Tripathi
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अपने जीवन में अनगिनत लोगों का साथ मिलता - बिछड़ता रहा। कुछ दो चार कदम चले, फिर सायास या ...

गोमती, तुम बहती रहना - 8

by Prafulla Kumar Tripathi
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अपनी ज़िंदगी इन दिनों पारिवारिक और सामाजिक कोलाहल से दूर होती जा रही है और शांत समुद्री लहरों के ...

गोमती, तुम बहती रहना - 7

by Prafulla Kumar Tripathi
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जिन दिनों मैं लखनऊ आया यहाँ की प्राण गोमती माँ लगभग सूख चुकी थीं |यहाँ के लोगों की तरह ...

गोमती, तुम बहती रहना - 6

by Prafulla Kumar Tripathi
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ज़िंदगी क्या है ? पानी का बुलबुला ?लेखक द्वारा लिखी जा रही किसी कहानी का कोई बनता -बिगड़ता हुआ ...

गोमती, तुम बहती रहना - 5

by Prafulla Kumar Tripathi
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गीतकार इंदीवर ने फिल्म “मैं चुप रहूँगी” के अपने एक लोकप्रिय गीत में लिखा है –“ सबके रहते लगता ...

गोमती, तुम बहती रहना - 4

by Prafulla Kumar Tripathi
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आत्मकथा अंश (4): गोमती , तुम बहती रहना !:आदर्श समाज बनाने का बिखरता सपना कवि और साहित्यकार “अज्ञेय” कहते ...

गोमती, तुम बहती रहना - 3

by Prafulla Kumar Tripathi
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चमक पैदा करती उम्मीद की किरणें – वर्ष 2000 शुरू हो रहा है और शुरू हो रहा है अपनी ...

गोमती, तुम बहती रहना - 2

by Prafulla Kumar Tripathi
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साहिर लुधियानवी का एक बहुत खूबसूरत शेर है - “वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन , ...