Prafulla Kumar Tripathi - Stories, Read and Download free PDF

गोमती, तुम बहती रहना - 5

by Prafulla Kumar Tripathi
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गीतकार इंदीवर ने फिल्म “मैं चुप रहूँगी” के अपने एक लोकप्रिय गीत में लिखा है –“ सबके रहते लगता ...

गोमती, तुम बहती रहना - 4

by Prafulla Kumar Tripathi
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आत्मकथा अंश (4): गोमती , तुम बहती रहना !:आदर्श समाज बनाने का बिखरता सपना कवि और साहित्यकार “अज्ञेय” कहते ...

गोमती, तुम बहती रहना - 3

by Prafulla Kumar Tripathi
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चमक पैदा करती उम्मीद की किरणें – वर्ष 2000 शुरू हो रहा है और शुरू हो रहा है अपनी ...

गोमती, तुम बहती रहना - 2

by Prafulla Kumar Tripathi
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साहिर लुधियानवी का एक बहुत खूबसूरत शेर है - “वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन , ...

गोमती, तुम बहती रहना - 1

by Prafulla Kumar Tripathi
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अपने जन्म वर्ष 1953 से अपने जीवन की युवावस्था और दाम्पत्य तथा नौकरी शुरुआत तक की अवधि का आत्मगंधी ...

प्रफुल्ल कथा - 23

by Prafulla Kumar Tripathi
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आकाशवाणी इलाहाबाद केंद्र पर जबरन दूसरी बार भेज दिए जाने और उस अवधि में वहाँ बेमन से काम करने ...

सैर धरती के जन्नत कश्मीर की

by Prafulla Kumar Tripathi
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मित्रों, नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़कर हम सभी इससमय पहुँच गये हैं कश्मीर की राजधानी ...

प्रफुल्ल कथा - 22

by Prafulla Kumar Tripathi
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पाठकों ,आत्मकथा अधूरी रहेगी अगर मैं उस घटना का जिक्र नहीँ करूंगा जिसमें मुझे देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक घराने ...

प्रफुल्ल कथा - 21

by Prafulla Kumar Tripathi
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अपनी इस आत्मकथा में ढेर सारे नायक- नायिकाएं और खलनायक -खल नायिकाएं भी हैँ, विदूषक भी। उनका अगर उल्लेख ...

प्रफुल्ल कथा - 20

by Prafulla Kumar Tripathi
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आकाशवाणी की सेवा में अनेक निदेशकों और सहायक निदेशकों का साह चर्य मिला। उनसे सुख भी मिला और दुःख ...