pradeep Kumar Tripathi - Stories, Read and Download free PDF

गज़ल

by pradeep Tripathi
  • 5.3k

हमारी ग़जल है हमारी ग़जल है तो हमें सुनाईएगाउनसे तो कह दो की बस आईएगा हमारा है जिक्र और ...

गज़ल

by pradeep Tripathi
  • 8.2k

देखें हैं मैंने कल एक चिराग की ताकत।रोशनी ने इसके कई अफ़सर बना दिया।।मन्दिर है दिल इसमें रोशनी खुदा ...

ऐ हवा सुन जरा..

by pradeep Tripathi
  • 8.6k

1. ऐ हवा सुन जरा....ऐ हवा सुन जरा आ इधर से चलें।रास्ते में खड़ा एक शक्स है जरा आ ...

हे मधुकर...

by pradeep Tripathi
  • 8.3k

1. हे मधुकर हे मधुकर थारो चरण पकड़ी के झुलहुँ।या चरनन के भगति बहुत हैं जो वा चरनन को ...

माँ की गोंद - 2

by pradeep Tripathi
  • 11k

माँ ज़िन्दगी का हर हिस्सा है, माँ से सुरू इस सृष्टि का हर किस्सा है।माँ के बिना तो शृष्टि ...

ऐ जिंदगी...........

by pradeep Tripathi
  • (4.3/5)
  • 7.2k

1.ऐ जिंदगी आ तुझे कुछ इस तरह से, आजमाया जाए।।मैं जिन्दा भी रहूँ और, मर कर के ...

माँ की गोद

by pradeep Tripathi
  • (3.9/5)
  • 20.4k

मेरे इस कहानी के दो पात्र हैं मै और मेरी माँ. वैसे तो मेरे घर में पांच लोग हैं ...