Sayant - Stories, Read and Download free PDF

स्वयंवधू - 25

by N Vaishali Rao
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अब तक उनके माता-पिता केवल उनका तिरस्कार करते थे, लेकिन अब यह उनके लिए बहुत बुरा मोड़ ले चुका ...

स्वयंवधू - 24

by N Vaishali Rao
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जैसा कि हमने सुना है, अतीत में उनका अपहरण किया गया था और उन्हें प्रताड़ित किया गया था। तो, ...

स्वयंवधू - 23

by N Vaishali Rao
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"वह रेड्डी परिवार के प्रति भी कुछ गुस्सा थी कि वह चाहती थी कि मैं तुम्हें और तुम्हारे छोटे ...

स्वयंवधू - 22

by N Vaishali Rao
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"मान्या मैम चाहती थी कि वृषा बाबा को क्रूरता से मारा जैसा कभी किसीने नहीं सुना हो।", जीवन जी ...

Soul got snatched out!

by N Vaishali Rao
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6 o'clock in the evening. In front of Amar's office:Amar took his usual bus but a little earlier than ...

स्वयंवधू - 21

by N Vaishali Rao
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मैं भी हमारे आगंतुक से मिलने गयी, ऊपर छत में।"तो क्या हम बात कर सकते है?",वहाँ भैय्या, आर्य खुराना, ...

Who hunts Who? - 5

by N Vaishali Rao
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Next day-Ding-dong...*Door opens-*"Welcome! I thought You will never come.", Prithvi was overjoyed but still scared about the past and ...

स्वयंवधू - 20

by N Vaishali Rao
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मैं सोफ़े पर हमारे बीच तीन हाथ की दूरी बनाकर बैठ गयी, आमतौर पर यह डेढ़ हाथ की दूरी ...

स्वयंवधू - 19

by N Vaishali Rao
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बालकनी में-"म्याऊँ!", पहेली बगल में अपने खिलौने चूहे से खेल रही थी।"तो हम लोंगो ने हँसो के जोड़े को ...

स्वयंवधू - 18

by N Vaishali Rao
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"कोई पागल ही मुझे जानना चाहेगा।", वृषाली ने कहा,(तो अब मैं पागल हूँ।)"अहम! यह उनका असफल प्रयास था इसलिए ...