नात्यांचं ऑडीट जरूरत के हिसाब से जब, हर कोई बिकने लगा। वक्त के साथ रिश्तों का, हिसाब रखना जरुरी ...
भावनाओं की गिरहो से, आझाद यहाँ कोई नहीं । दर्द तकलीफे होती सभीको, औरत मर्द का फर्क नहीं । ...
मुखवटा चेहेरे से चेहेरे, जब उतरने लगे। आईने मे असली, किरदार दिखने लगे। या वर्षात खूप काही अप्रिय घटना ...