Manjeet Singh Gauhar - Stories, Read and Download free PDF

भयानक रात वो एक घण्टा

by Manjeet Singh Gauhar
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कुछ वर्ष पहले की बात है। जबकि, जब मैं अपनी बुआ के यहॉं रहता था। दरअसल, मेरी बुआ ...

ग़रीबी के आचरण - ६

by Manjeet Singh Gauhar
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श्रीकान्त अंकल जी बस इसी बात को बार-बार सोच कर परेशान हुआ करते थे, कि ' मेरे होते हुए ...

शाम होने वाली है

by Manjeet Singh Gauhar
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दिल्ली में रहने वाले दो दोस्त अपने स्कूल की तरफ़ से पिकनिक पर उत्तर प्रदेश के एक शहर आगरा ...

ग़रीबी के आचरण - ५

by Manjeet Singh Gauhar
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श्रीकान्त अंकल जी का अपना घर अब उन्हीं को खाने को दौड़ता था। क्योंकि अब उनके उस किराये के ...

ग़रीबी के आचरण - ४

by Manjeet Singh Gauhar
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श्रीकान्त अंकल जी के परिवार के सभी सदस्य उनकी अच्छे से देख-भाल करने लगे। कुछ समय के बाद श्रीकान्त ...

ग़रीबी के आचरण - ३

by Manjeet Singh Gauhar
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श्रीकान्त अंकल जी की पत्नि जिनका नाम शान्ति था, और जो अपने परिवार के सभी सदस्यों से बहुत प्यार ...

कोरा कागज़

by Manjeet Singh Gauhar
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ये ज़िन्दगी है साहब , इम्तहान तो लेती ही है। और ना सिर्फ़ इंसानो का इम्तहान लेती है, बल्कि ...

ग़रीबी के आचरण - २

by Manjeet Singh Gauhar
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जैसे ही श्रीकान्त अंकल जी ने अपने बेटे रोहन के साथ अपने उस किराए के मकान में पैर रखा, ...

ग़रीबी के आचरण

by Manjeet Singh Gauhar
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इस संसार में सभी तरह के प्राणी रहते हैं। इन सभी प्राणियों में से एक प्राणी इन्सान भी है। ...

तेरा घमंड

by Manjeet Singh Gauhar
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मत कर इतना घमंड , ऐ तू ना-समझ इंसानतेरा घमंड ही एक दिन तुझे हरायेगा ।मेरा बारे में तू ...