समय के गर्भ में राजेश मलिक पृथ्वी की डोर आसमान के हाथ में थी। वह जिसे चाहे इधर और ...
आधा आदमी अध्याय-34 ‘‘मैं तुम लोगों से बड़ा नंगा हूँ.‘‘ जब मुझसे बर्दास्त नहीं हुआ तो मैंने उसका ढोगल ...
आधा आदमी अध्याय-33 ‘‘जो काम तुमने भइया के साथ किया हैं, उसे अल्लाह भी कभी माफ़ नहीं करेगा। और ...
आधा आदमी अध्याय-32 यह सुनते ही उसकी बीबी ने अपने ज़िस्म का सारा कपड़ा उतार के फेक दिया और ...
आधा आदमी अध्याय-31 ‘‘मैंने सबके पीछे अपनी जिंदगी खराब कर ली। पर मुझे कोई समझ नहीं पाया। क्या नहीं ...
आधा आदमी अध्याय-30 मेरा इतना कहना क्या था कि ड्राइवर दनदनाते हुए बरामदे में आए और अपने दोस्तों लेकर ...
आधा आदमी अध्याय-29 यह सब देख कर मैं अपना आपा खो बैठी, ‘‘भौसड़ी के खिलवा टाक के गुरू के ...
आधा आदमी अध्याय-28 ‘‘तुम कितने बड़े कमीने हो मेरे इतना बड़ा यहाँ घाव हैं और चली तुम्हारे साथ गलत ...
आधा आदमी अध्याय-27 ‘‘यह मेरी रानी की फोटो हैं जब वह दसवी में थी तब की हैं.‘‘ ‘‘आप की ...
आधा आदमी अध्याय-26 जैसे वह अभी गिर जाएगा। उसने अपने आप को संभालते हुए पूछा, ‘‘यह तुमने क्या कर ...