LM Sharma - Stories, Read and Download free PDF

आंसू सूख गए - 3

by LM Sharma

आंसू सूख गएजिस गति से संसार भौतिकता की ओर जा रहा है , उस के कारण नये नये रोगों ...

बैठना और बोलना सीखें।

by LM Sharma
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बैठना और बोलना सीखेंबैठना और बोलना एक कला है। यदि विद्यार्थी ने इस कला को जीवन के प्रारंभिक वर्षों ...

शैतान का कुचक्र - 2

by LM Sharma
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अभिमन्यु फस तो गया शैतानों के चक्रव्यूह में परंतु निकालना उसे आया नहीं । धीरे-धीरे मानव भी अभिमन्यु के ...

शैतान का कुचक्र - 1

by LM Sharma
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कथन बहुत पुराना है। स्वामी विवेकानंद ने एक बार अपने भाषण में कहा था की संचार के साधन संसार ...

व्यथा गुलामी की

by LM Sharma
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बात 1920 और 1930 के दशक की है। यह वह समय था जब भारत गुलामी की चरम सीमा पर ...

अंत भला हो भला

by LM Sharma
  • 6.7k

रामरति अपने पिता की पहली पत्नी की बिटिया थी। बात बहुत पुरानी हैं। हो सकता है सौ साल से ...

आंसू सूख गए - 2

by LM Sharma
  • 7.4k

जीवन का अंत सुखद होना चाहिए, यदि जीवन का अंत सुखद नहीं है तो वह अन्त नहीं है । ...

आंसू सूख गए - 1

by LM Sharma
  • 9.7k

बात 1920 के दशक की है । उस समय जहां देखो वहीं गरीबी का आलम था। बहुत ही ऐसे ...

One night that changed my Life

by LM Sharma
  • 4.3k

The day I retired from army was the most remarkable day. The other remarkable thing about retiring was that ...

Tears have dried

by LM Sharma
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Every drama of life must end with a happy end. if its end is not happy it can't be ...