Lajpat Rai Garg - Stories, Read and Download free PDF

सिमॉन का पापा

by Lajpat Rai Garg
  • 15.6k

गाई द मोपासां की कहानी ‘सिमॉन’स पापा’ का हिन्दी अनुवाद बारह बजे थे। स्कूल का दरवाजा खुला और जल्दी ...

क्रिसमस ट्री और विवाह

by Lajpat Rai Garg
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दॉस्तोवस्की की कहानी “द क्रिसमस ट्री एण्ड द वेडिंग” का अनुवाद एक दिन मैं एक विवाह में गया …. ...

अर्द्ध सत्य

by Lajpat Rai Garg
  • 9.9k

दिसम्बर महीने के दूसरे पक्ष का प्रथम रविवार सुबह के ग्यारह बजे के लगभग का समय गुनगुनी मीठी-सी धूप ...

मज़हब और इंसानियत

by Lajpat Rai Garg
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22 अगस्त, 2017 पचास प्रतिशत मुस्लिम आबादी यानी मुस्लिम महिलाओं के लिये आजादी-दिवस भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पांच ...

जुगाड़

by Lajpat Rai Garg
  • 8.5k

दिन ढला। सूरज छिपा। रात का साया गहराने लगा। सोनू का बापू अभी तक खेत से नहीं लौटा। सोनू ...

हां, पर एक शर्त है

by Lajpat Rai Garg
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  • 9.3k

हां, पर एक शर्त है सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त अस्सी वर्षीय आनन्द प्रकाश जीवन का अन्तिम समय अकेले रहकर ...

ज़िन्दगी कुछ और ही होती...

by Lajpat Rai Garg
  • (4.1/5)
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ज़िन्दगी कुछ और ही होती... मध्य दिसम्बर की एक संध्या। सूर्य क्षितिज के पश्चिमी छोर पर बड़े से वृताकार ...