क्या अदिति बैताल का सामना कर पायेगी..अदिति को धीरे धीरे होश आने लगा था लेकिन उसपर किसी का ध्यान ...
मैं बैताल जाती का राजा हूँ...अमोघनाथ जी मुस्कुराते हुए कहते हैं....." लेकिन अब भी हमारे पास एक उपाय है....."" ...
मैं जानना चाहता हूँ लेकिन " विक्रम साइड में देखता है औऱ अपने मुँह से निकले खून को साफ ...
खंजर काला पड़ गया..चेताक्क्षी बेबस सी ये सब देखते हुए बेहोश हो गई थी......अब आगे.........विवेक अदिति को लेकर मंदिर ...
आखिरकार वो वापस आगई "" कौन वापस आ गई प्राक्षिरोध?.. "प्राक्षिरोध हॅसते हुए कहता है.. " पिताजी जीवंत मणि ...
गामाक्ष मारा गया लेकिन ये कौन है..?गामाक्ष हैरानी से उस सप्त शीर्ष वाले तारे को हैरानी से देखते हुए ...
विक्रम उसे हैरानी भरी नज़रो से देखते हुए पूछता है.. मतलब.. " एकांक्षी चिल्लाते हुए पुछती है.. " मतलब ...
मुझे मेरी अदिति चाहिएउसके आकृषण से अदिति एक बार फिर से तड़प उठी जिससे एक तेज चीख के साथ ...
तानिया उस शिवि से कहती है.. " मैं ये तो नहीं जानती ये विक्रम क्या करने वाला है लेकिन ...
पुराने किले में चलो..चेताक्क्षी मायुसी से कहती हैं....." ऐसा नहीं होना चाहिए , अगर विवेक को होश नहीं आया ...