अतीत की सच्चाई.. 1अब आगे.........." पहले तुम सब यहां बैठो , सफर से आए हो तक गए होगे..."" नहीं ...
अब आगे.............आद्रिक और एकांक्षी के हाथों के बीच से फूल छिन लिए गए , दोनों की नजर एक साथ ...
मुझे सच्चाई जाननी है....अब आगे............देविका जी वापस अपने घर पहुंचकर बाहर आंगन में खाट पर बैठ जाती है और ...
अब आगे...........वैदेही हैरानी से इधर उधर देखते हुए कहती हैं...." यहां तो कोई नहीं है जिसे आपकी सहायता चाहिए ...
देविका को पता चली सच्चाई...अब आगे.......विवेक आदित्य को समझाते हुए कहता है कि हम भी पैहरगढ जाएंगे..." जिसे सुनकर ...
...पुराने किले में कैद अदिति.....अब आगे.............आदित्य इस बात को सुनकर बहुत ज्यादा दुखी हो जाता है...कामनाथ जी और अमरनाथ ...
विक्रम कारिडोर की तरफ बढ़ता है और आद्रिक और किरन सामने की तरफ से अंदर आते हैं.....अब आगे...............आद्रिक और ...
ज़ब मैं इस दुनिया से चली जाउंगी.....अब आगे...........विवेक खुद से ही कहता है....." अदिति ये ब्रेसलेट क्यूं देकर गई ...
विक्रम गुस्से में एकांक्षी की तरफ घूरता हुआ कहता है..." तुम्हारी इतनी हिम्मत..."अब आगे..............विक्रम काफी गुस्से में आ जाता ...
पुराने किले में हलचल.....गामाक्ष के जाते ही सब तरफ सन्नाटा छा जाता है, , सब बेसुध इधर उधर पड़े ...