Keshwanand Shiholia - Stories, Read and Download free PDF

चंद्रकांता: एक अधूरी विरासत की खोज - 5

by Keshwanand Shiholia
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प्रकाशक की सहमति मिलने के बाद का समय अनन्या के लिए एक सपने जैसा था। 'चंद्रकांता' की पांडुलिपि को ...

चंद्रकांता: एक अधूरी विरासत की खोज - 4

by Keshwanand Shiholia
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बैंक लॉकर से मिला लिफाफा थामे अनन्या उत्साह से भरी घर लौटी थी। उसे लगा मानो वह कोई छिपा ...

रात की चीख: एक शेरनी का उदय

by Keshwanand Shiholia
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रात का अंधेरा साँसों को दबा रहा था। सड़क पर सिर्फ़ टिमटिमाती स्ट्रीटलाइट्स और हवा की सायं-सायं। आरोही, 23 ...

चंद्रकांता: एक अधूरी विरासत की खोज - 3

by Keshwanand Shiholia
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इलाहाबाद से लौटकर अनन्या का मन एक तूफान की तरह उथल-पुथल में था। सुभद्रा की रहस्यमय बातें उसके कानों ...

चंद्रकांता: एक अधूरी विरासत की खोज - 2

by Keshwanand Shiholia
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दादी की डायरी का वह पन्ना अनन्या के मन में एक रहस्यमय नक्शे की तरह उभर रहा था। उस ...

चंद्रकांता: एक अधूरी विरासत की खोज - 1

by Keshwanand Shiholia
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भाग 1: विरासत की पहली कड़ीअटारी में धूल के कण हवा में तैर रहे थे, मानो समय के साथ ...

खोया हुआ समय

by Keshwanand Shiholia
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राज एक बहुत ही व्यस्त इंजीनियर था। उसका हर दिन कंप्यूटर के सामने रिपोर्ट्स, प्रेजेंटेशन और मीटिंग्स में ही ...