जॉन हेम्ब्रम - Stories, Read and Download free PDF

Rabta - Last Part
Rabta - Last Part

राब्ता - अंतिम भाग

by John Hembram
  • 4.4k

रविवार था सब घर में ही थे बाई आज काम पर नहीं आई हुई थी। राजेश इसी उधेड़बुन में ...

Rabta - 2
Rabta - 2

राब्ता - भाग - 2

by John Hembram
  • 4k

अगले दिन सुबह जब वो नाश्ता करने बैठा उस दौरान उसने अपनी मां से पूछा — "क्या आपको कोई ...

Rabta - 1
Rabta - 1

राब्ता - भाग - 1

by John Hembram
  • 5.2k

"तो क्या हमें मिलना चाहिए?""क्यों नहीं जरूर।" "कल सुबह 10 बजे उसी रेस्टोरेंट पर।""तय रहा।" अगले दिन राजेश सुबह ...

i'm not sorry
i'm not sorry

मुझे कोई अफ़सोस नहीं

by John Hembram
  • 4.3k

एक दिन मुझे मेरा एक दोस्त आकर कहता है "ये तू क्या फालतू की चीजें कर रहा है?" "ये ...

Jaadui Tohfa - 5 - Last Part
Jaadui Tohfa - 5 - Last Part

जादुई तोहफ़ा - 5 - अंतिम भाग

by John Hembram
  • 5.3k

अनुज पूरी शाम उस ताबीज़ के बारे में सोचता रहा। उसका मन इधर से उधर घूमता ही रहा।"क्या उसने ...

Jaadui Tohfa - 4
Jaadui Tohfa - 4

जादुई तोहफ़ा - 4

by John Hembram
  • 4.9k

अगले दिन फिर सुबह जल्दी उठकर उसने अनुज से मिलने का सोचा। और वो निकलने ही वाला होता है ...

loyalty
loyalty

निष्ठा

by John Hembram
  • 6.3k

शाम का वक्त था परिणीति अपनी मां के लिए दवाइयां खरीदने बाजार गई हुई थी। उसके पिता बचपन में ...

Jaadui Tohfa - 3
Jaadui Tohfa - 3

जादुई तोहफ़ा - 3

by John Hembram
  • 4.8k

अगले दिन वह रोज के समय से पहले उठ गया और उससे मिलने की योजना बनाने लगा। बिना किसी ...

Jaadui Tohfa - 2
Jaadui Tohfa - 2

जादुई तोहफ़ा - 2

by John Hembram
  • 4.9k

अगले दिन जैसे ही वह सुबह उठा,फौरन अपने तोते के पास चला गया। तोता पहले से ठीक नजर आ ...

Jaadui Tohfa - 1
Jaadui Tohfa - 1

जादुई तोहफ़ा - 1

by John Hembram
  • 6.1k

एक गांव के बिलकुल बीचों बीच प्रतीक का घर था। जब भी कोई दूर के रिश्तेदार आते "कितना बड़ा ...