जहां लौट नहीं सकते पारे की चमकीली बूंदों की तरह सुबह की धूप छत की मुंडेर पर बिखरी है। ...
खाली मकान जयश्री रॉय इतनी सारी चीजें- महंगी घड़ी, परफ्यूम, साड़ियां, सुगर-ब्लड प्रेशर जांचने के यंत्र... कितने सारे महंगे ...
अपने होने का एक दिन आँख खुलने के बाद भी देर तक बिस्तर पर पड़ी रही थी। आज उठने ...
अपना पता संशोधित रात के निपट सन्नाटे में अपने घर के सामने खड़ा हूं, मगर अंदर जाने से पहले ...
आज एकबार फिर अरनव को बिस्तर पर उसकी इच्छाओं के चरम क्षण में अचानक छोडकर मै उठ आयी थी। ...