अधूरे पागलपन की कहानीदानिश अपनी कुर्सी पर गहरे धँसा हुआ था, उसकी उंगलियाँ टेबल पर बेतहाशा चल रही थीं। ...
भाग्य का खेल (अगला भाग)हील टॉप की ठंडी हवाएँ और तेज़ हो चुकी थीं, लेकिन उन दोनों के बीच ...
प्यार: डर या उम्मीद?लाइब्रेरी में एक पल के लिए खामोशी छा गई। बाहर से आती हल्की हवा के झोंके ...
समीरा अपनी किताब में इतनी डूबी हुई थी कि उसे एहसास भी नहीं हुआ कि कोई उसके करीब आ ...
क्या यह उसका अतीत था, जिसे उसने भुला दिया था? या फिर कोई अनदेखा सच, जो अब धीरे-धीरे सामने ...
भाग्य का खेलघने जंगल से किसी तरह अपनी जान बचाकर भागते हुए, हर्षवर्धन और संजना की साँसे अब भी ...
अनजाने रास्ते ,समीरा की स्कूटी सड़क पर दौड़ रही थी, लेकिन उसके दिमाग में विचारों का तूफान था। क्या ...
नया दिन, नई उम्मीदअगले दिन सुबह-सुबह ही समीरा अस्पताल पहुँच गई। उसने बुआ के लिए कुछ ताजे फूल लाए ...
अंकिता की आंखों में हल्का-सा पानी आ गया। उन्होंने सिर हिलाने की कोशिश की, लेकिन शब्द उनके गले में ...
समीरा की चिंतासमीरा जैसे ही घर पहुंची, उसे अंदर से अजीब-सी बेचैनी महसूस हुई। घर का माहौल गंभीर लग ...