अध्याय 5 : मृतक की डायरीरात का सन्नाटा पूरे हॉस्टल को अपने आगोश में ले चुका था। बाहर पेड़ों ...
अध्याय 7 – चुनौती का आरंभकॉलेज का माहौल उस सुबह कुछ अलग था। पूरे कैंपस में हल्की-सी बेचैनी और ...
अध्याय 4 – छुपे हुए चेहरेआरव पूरी रात सो नहीं पाया। उसका दिमाग बार-बार उसी कांच के टुकड़े और ...
अध्याय 6 – गहराइयों का सामनाकॉलेज की हलचल अब मुकुंद के लिए धीरे-धीरे सामान्य होने लगी थी। सुबह की ...
---अध्याय 3 – पहला सुरागसुबह का मौसम ताज़गी भरा था, लेकिन आरव के चेहरे पर थकान साफ़ दिख रही ...
रात का अंधेरा गहराता जा रहा था। बाहर सन्नाटा पसरा था, लेकिन मेरे भीतर एक अजीब-सी हलचल थी। हाथों ...
---अध्याय 2 – पत्रकार की जिज्ञासासुबह का सूरज निकल चुका था, लेकिन आरव की आँखों में अब भी पिछली ...
वह शाम बाकी दिनों जैसी नहीं थी। कमरे में अजीब-सी ख़ामोशी थी, जैसे दीवारें भी मेरी तन्हाई सुन रही ...
---अध्याय 1 – अजीब रातरात का सन्नाटा कुछ अलग ही था। शहर की गलियों में हल्की धुंध तैर रही ...
---अध्याय 5 – पहला मौकाकठिनाइयों के बीच ज़िंदगी कभी-कभी एक रोशनी की किरण भी दिखा देती है। मुकुंद के ...