"आज कुछ बहुत अपना सा शेयर कर रही हूँ… खुद से जुड़ा, दिल से निकला।" शायद आप सब मुझे ...
“इस रिश्ते में मैं कभी तुम्हारी पहली पसंद थी ही नहीं… थी न?” पाँच साल पहले जब शहनाज़ की ज़िंदगी ...
हुक्म था — बचाओ, हसरत थी — छीन लो... और मोहब्बत कभी इजाज़त नहीं मांगती।" आपकी लेखिका की तरफ ...