R B Chavda - Stories, Read and Download free PDF

दिल ने जिसे चाहा - 26

by R. B. Chavda
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मयुर सर…एक ऐसा नाम जिसे सुनकर अस्पताल के लोग सम्मान से खड़े हो जाते थे।अब वे देश के जाने-माने ...

दिल ने जिसे चाहा - 25

by R. B. Chavda
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“कुछ मुलाक़ातें वक्त नहीं, किस्मत तय करती है…”“Excuse me, यहाँ कोई बैठा है क्या?”वो शख्स धीरे-धीरे मुड़ा —और रुशाली ...

दिल ने जिसे चाहा - 24

by R. B. Chavda
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पाँच साल का लंबा वक़्त गुजर चुका था।कभी जिन दिनों में मासूमियत, मोहब्बत और सपने भरे थे, अब उन ...

दिल ने जिसे चाहा - 23

by R. B. Chavda
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कुछ दिन बाद ...आज का दिन बहुत खास था। मगर रुशाली के लिए ये सुबह किसी और ही अंदाज़ ...

दिल ने जिसे चाहा - 22

by R. B. Chavda
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रुशाली एग्ज़ाम सेंटर से बाहर निकली तो चेहरा चमक रहा था।"थैंक गॉड... पेपर बहुत अच्छा हुआ!" उसने गहरी साँस ...

दिल ने जिसे चाहा - 21

by R. B. Chavda
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रुशाली और मयूर सर की ज़िन्दगी अब पहले जैसी सामान्य लगने लगी थी।कोई बड़ी हलचल नहीं, कोई खास बदलाव ...

दिल ने जिसे चाहा - 20

by R. B. Chavda
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डॉ. मयूर अभी फोन पर रुशाली की माँ से बात कर ही रहे थे जब उन्होंने ये सुना—"रुशाली अभी ...

दिल ने जिसे चाहा - 19

by R. B. Chavda
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सुबह के सात बजे थे…सोमवार का दिन।बाकी दुनिया के लिए ये एक आम सुबह थी, लेकिन डॉ. मयूर के ...

दिल ने जिसे चाहा - 18

by R. B. Chavda
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उस रात का सन्नाटा...उस रात रुशाली के कमरे में खामोशी थी,पर उसके ज़ेहन में एक तूफान चल रहा था।"क्या ...

दिल ने जिसे चाहा - 17

by R. B. Chavda
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सुबह की पहली किरण... और धड़कनों का तेज़ होनाआज की सुबह कुछ अलग थी...रुशाली की आंखें अलार्म से पहले ...