मयुर सर…एक ऐसा नाम जिसे सुनकर अस्पताल के लोग सम्मान से खड़े हो जाते थे।अब वे देश के जाने-माने ...
“कुछ मुलाक़ातें वक्त नहीं, किस्मत तय करती है…”“Excuse me, यहाँ कोई बैठा है क्या?”वो शख्स धीरे-धीरे मुड़ा —और रुशाली ...
पाँच साल का लंबा वक़्त गुजर चुका था।कभी जिन दिनों में मासूमियत, मोहब्बत और सपने भरे थे, अब उन ...
कुछ दिन बाद ...आज का दिन बहुत खास था। मगर रुशाली के लिए ये सुबह किसी और ही अंदाज़ ...
रुशाली एग्ज़ाम सेंटर से बाहर निकली तो चेहरा चमक रहा था।"थैंक गॉड... पेपर बहुत अच्छा हुआ!" उसने गहरी साँस ...
रुशाली और मयूर सर की ज़िन्दगी अब पहले जैसी सामान्य लगने लगी थी।कोई बड़ी हलचल नहीं, कोई खास बदलाव ...
डॉ. मयूर अभी फोन पर रुशाली की माँ से बात कर ही रहे थे जब उन्होंने ये सुना—"रुशाली अभी ...
सुबह के सात बजे थे…सोमवार का दिन।बाकी दुनिया के लिए ये एक आम सुबह थी, लेकिन डॉ. मयूर के ...
उस रात का सन्नाटा...उस रात रुशाली के कमरे में खामोशी थी,पर उसके ज़ेहन में एक तूफान चल रहा था।"क्या ...
सुबह की पहली किरण... और धड़कनों का तेज़ होनाआज की सुबह कुछ अलग थी...रुशाली की आंखें अलार्म से पहले ...