उस एक मुलाक़ात ने जैसे लड़की की दुनिया में एक धीमी-सी रोशनी भर दी थी।वो बदलना नहीं चाहती थी… ...
लाइब्रेरी हमेशा से उसकी पनाहगाह थी—एक ऐसी जगह जहाँ किताबों की ख़ामोशी में उसे अपनी धड़कनों की आवाज़ भी ...
कॉलेज का वही पुराना गलियारा, वही सुबह की हल्की धूप, वही library की खामोश खुशबू…सब पहले जैसा था,लेकिन Prakhra ...
कॉलेज की गलियों में अब एक नई पहचान बस चुकी थी —जहाँ हर सुबह की शुरुआत एक मुस्कान से ...
बारिश अब भी कॉलेज की पुरानी दीवारों को छूकर गिर रही थी,जैसे हर बूँद पिछले मौसम की कोई अधूरी ...
बारिश की हल्की बूँदें खिड़की के शीशे से टकरा रही थीं। हवा में मिट्टी की खुशबू घुली हुई थी, ...