अर्जुन ने नौ कठिनाइयों पर विजय पाई थी।मोह, अकेलापन, क्रोध, प्रलोभन, आलस्य, भय, अहंकार और संशय—ये सब उसके सामने ...
अर्जुन ने अब तक कई आंतरिक शत्रुओं पर विजय पाई थी – मोह, क्रोध, प्रलोभन, अकेलापन और अहंकार।गाँववाले उसकी ...
अर्जुन अब तक सात कठिन परीक्षाएँ पार कर चुका था। मोह, अकेलापन, क्रोध और प्रलोभन—सब पर उसने विजय पाई ...
अर्जुन अब तक मोह, अकेलेपन और क्रोध की परीक्षाओं से गुजर चुका था। हर बार वह और मजबूत होकर ...
मोह और अकेलेपन की परीक्षा पार करने के बाद अर्जुन का आत्मबल बढ़ चुका था। वह अब शांत, संयमी ...
मोह के जाल को जीत लेने के बाद अर्जुन को लगा कि अब उसकी साधना आसान हो जाएगी। परंतु ...
गुरुजी से आशीर्वाद पाकर अर्जुन का आत्मविश्वास और बढ़ गया था। अब उसकी दिनचर्या बिल्कुल साधक जैसी हो गई ...
मेले की घटना के बाद अर्जुन का मन और अधिक दृढ़ हो गया था। उसे अब समझ आने लगा ...
गाँव का मेला साल में एक बार लगता था। ढोल-नगाड़ों की आवाज़, मिठाइयों की दुकानों की ख़ुशबू, रंग-बिरंगे झूले ...
बरसों पहले की बात है। गंगा किनारे बसे छोटे से गाँव नवग्राम में एक लड़का रहता था – नाम ...