Bikash parajuli - Stories, Read and Download free PDF

मोहब्बत के वो दिन - 5

by Bikash parajuli
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सुबह का सूरज अभी पूरी तरह निकला नहीं था, लेकिन Bikash की नींद खुल चुकी थी।रात की डायरी और ...

मोहब्बत के वो दिन - 4

by Bikash parajuli
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सुबह की रोशनी खिड़की से कमरे में फैल रही थी। Bikash की आँख खुली तो सबसे पहले कल की ...

मोहब्बत के वो दिन - 3

by Bikash parajuli
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कॉलेज का दिन हमेशा जैसा नहीं था। आज हल्की धूप थी, हवा में नमी कम और कैंपस में एक ...

मोहब्बत के वो दिन - 2

by Bikash parajuli
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सुबह का मौसम शांत था। आसमान हल्का धुंधला, हवा नम और ठंडी। कॉलेज की घंटी बजने में अभी कुछ ...

मोहब्बत के वो दिन - 1

by Bikash parajuli
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पहली नज़रशहर की वही पुरानी, भीड़ से भरी सुबह। बस स्टॉप पर खड़े लोग ऑफिस और कॉलेज के टाइम ...

ज़ुबिन गर्ग की कहानी – सुरों का जादूगर असम का

by Bikash parajuli
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Chapter 1 – The Beginning: A Boy with a Dreamसाल था 1972, असम के खूबसूरत इलाके जोरहाट (कुछ कहते ...

ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 10

by Bikash parajuli
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अर्जुन ने नौ कठिनाइयों पर विजय पाई थी।मोह, अकेलापन, क्रोध, प्रलोभन, आलस्य, भय, अहंकार और संशय—ये सब उसके सामने ...

ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 9

by Bikash parajuli
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अर्जुन ने अब तक कई आंतरिक शत्रुओं पर विजय पाई थी – मोह, क्रोध, प्रलोभन, अकेलापन और अहंकार।गाँववाले उसकी ...

ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 8

by Bikash parajuli
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अर्जुन अब तक सात कठिन परीक्षाएँ पार कर चुका था। मोह, अकेलापन, क्रोध और प्रलोभन—सब पर उसने विजय पाई ...

ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 7

by Bikash parajuli
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अर्जुन अब तक मोह, अकेलेपन और क्रोध की परीक्षाओं से गुजर चुका था। हर बार वह और मजबूत होकर ...