"क्या तुम्हें इत्तेफ़ाक़ पर यक़ीन है?"आयत की ये बात आरव को उस शाम की तरह आज भी याद थी, ...
बारिश की बूँदें खिड़की के शीशे पर धीमे-धीमे दस्तक दे रही थीं। कैंटीन के कोने की टेबल पर बैठी ...