पिछले कुछ महीनों में आरव और मायरा की दोस्ती अब रिश्ते की एक नयी परिभाषा बन चुकी थी। वो ...
भाग 12: गिरफ़्त से रिहाई… या नई क़ैद?(जहाँ मोहब्बत की सबसे गहरी यादें ही सबसे बड़ा सच बन जाती ...
भाग 11: वो आख़िरी रिकॉर्डिंग(जब सना की आवाज़ आख़िरी बार ज़हन में गूंजी… और सच ने सब कुछ बदल ...
भाग 10: आईने में दूसरी शक्ल(जहाँ ज़हन के आईने में… सना फिर लौटती है — लेकिन अब वो कोई ...
शांता के मंदिर के द्वार पर गिरते ही मानो सारा समय ठहर गया। विद्या दौड़ती हुई आई और माँ ...
भाग 9: सना कौन थी… वाक़ई?फाइल नंबर 72 ने आरव की दुनिया को पूरी तरह हिला कर रख दिया ...
धवलपुर कभी एक ऐसा गाँव था, जिसका नाम सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते थे। वहाँ की अमावस्या की ...
भाग 8: फाइल नंबर 72(जो सना से जुड़ी आखिरी कड़ी थी… और शायद आरव से भी।) अब आरव के ...
गांव धवलपुर की हवा में एक अजीब सी सड़ांध फैली थी। ऐसा लग रहा था जैसे धरती के नीचे ...
भाग 7: भूलना… या भुला दिया जाना?आरव अब सिर्फ़ अपने सवालों से नहीं जूझ रहा था, बल्कि अपनी यादों ...