Ashish Jain - Stories, Read and Download free PDF

आरुषि भाग - 6

by Ashish Jain
  • 4.6k

【 घर पहुँच कर..! आरुषि आरव के कंधे पर सिर रख कर लेटी है..!】 अपने उस दिन के बाद ...

आरुषि भाग - 5

by Ashish Jain
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【 घर के अंदर】 अरे फटाफट तैयार हो गयी.. फर्स्ट डेट जितना टाइम नही लगाया आज सजने में..! (आरव) ...

आरुषि भाग - 4

by Ashish Jain
  • 6.1k

"मोह्हबत में बुरी नियत से कुछ सोच नही जाता, बेवफ़ा कहा तो जाता है, मगर समझा नही जाता..!" ...

आरुषि भाग - 3

by Ashish Jain
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Yrr, I can't.. you don't love me.. I think is distance ne humare relation me bhi distance la di, ...

आरुषि भाग-2

by Ashish Jain
  • 8.6k

वो:- कुछ बता सकते हो आहिरा के बारे में..?मैं:- कुछ जान सकता हूँ.. मैं तुम्हारे बारे में..?वो:- पूछो..! क्या ...

आरुषि भाग - 1

by Ashish Jain
  • (4.4/5)
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पहला इश्क़ आपको प्यार में पड़ना सिखाता है, दूसरा इश्क़ प्यार करना सिखाता है। पहला इश्क़ उस आदमी की ...