अपूर्व ने खिड़की की ओर देखा—जहाँ से वह छाया उसे घूर रही थी।धड़कनों की रफ़्तार तेज़ होती जा रही ...
“आगाज़…”वही स्वर…धीमा…सरसराता हुआ…जैसे किसी ने अपूर्व के कान में साँस लेकर बोला हो।अपूर्व का शरीर ठिठक गया।उसने सिर उठाकर ...
“आग़ाज़…”यह पुकार सिर्फ एक आवाज़ नहीं थी — यह उस दबी हुई रूह की दस्तक थी, जो सदियों से ...
….अगली सुबह...सुबह की पहली किरणों ने हवेली की खिड़कियों से झाँककर भीतर की नींद को सहलाना शुरू किया। पिछली ...
रात गहराने लगी थी। हवेली के पुराने कमरों में से एक में रखा ग्रामोफोन अपने आप चल पड़ा। न ...
तौफ़ीका बेग़म की आँखों में एक बुझी हुई चिंगारी फिर से भड़क उठी। उसकी आवाज़ काँप रही थी, “फरज़ाना... ...
तेज़ हवा के थपेड़ों के बीच हवेली का पुराना लकड़ी का दरवाज़ा ज़ोर से भड़भड़ाया और फिर चरमराता हुआ ...
“ये कैसा मजाक है अन्वेषा … ये सच नहीं हो सकता...” अपूर्व की आवाज़ काँप गई।लेकिन अन्वेषा ने उसके ...
रात का सन्नाटा कमरे में छाया हुआ था। अपूर्व प्रेम रस पीने के बाद नींद के आगोश में समाया ...
“इस वक्त ऐसा मजाक मत करो यार । दिल जलता है ।” कहते हुए अपूर्व ने मुस्कुराने का प्रयास ...