Annada patni - Stories, Read and Download free PDF

माँ तो माँ होती है

by Annada patni
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पिछले कुछ समय से संध्या की खाँसी रुकने का नाम नहीं ले रही । फिर भी काम से उसे ...

एक तलाश

by Annada patni
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अन्नदा पाटनी सड़क के किनारे अपने सामान के साथ आरती खड़ी थी । किधर जाए, कुछ नहीं सूझ रहा ...

बेटी या माँ

by Annada patni
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अन्नदा पाटनी अचानक पता लगा कि पिताजी को कैंसर है तो सावेरी की तो जैसे जान ही निकल गई ...

कौन आया मेरे घर के द्वारे

by Annada patni
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आवत ही हरषै नहीं, नैनन नहीं सनेह, तुलसी तहाँ न जाइये, कंचन बरसे मेह ।। संत तुलसीदास जी कहते ...

कल, आज और हम

by Annada patni
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अन्नदा पाटनी स्टडी के कमरे से झल्लाने की आवाज आ रही थी,” क्या कर रहा है ? जल्दी हाथ ...

कर्मण्येवाधिकारस्ते

by Annada patni
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कर्मण्येवाधिकारस्ते अन्नदा पाटनी छिटक कर आती वातायन से किरणें सूरज की, कमरे की ...

प्लीज़, मानव को मानव ही रहने दें

by Annada patni
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अन्नदा पाटनी उफ़ ! बारह बज गए । जल्दी जल्दी खाना मेज़ पर लगाओ नहीं तो सुनना पड़ जायेगा," ...

एक पाती माता पिता के नाम

by Annada patni
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एक पाती माता पिता के नाम अन्नदा पाटनी पूज्य बाबूजी व अम्माँ, सादर प्रणाम । यह जानते हुए भी ...

कैसी आधुनिकता, कैसी मानसिकता

by Annada patni
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कैसी आधुनिकता, कैसी मानसिकता अन्नदा पाटनी कावेरी का फ़ोन आया," क्या कर रही है ? आजा बैठेंगे। चाय वाय ...

सपने - अवचेतन का प्रतिरूप

by Annada patni
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सपने - अवचेतन का प्रतिरूप अरे, अरे ! यह क्या, लग तो अम्माँ जैसी रही हैं ।सूती साड़ी, माथे ...