Anand M Mishra - Stories, Read and Download free PDF

SAAMUDAYIK RASOI YOJNA
SAAMUDAYIK RASOI YOJNA

सामुदायिक रसोई योजना

by Anand M Mishra
  • 5.6k

अपने देश में प्राचीन काल से ही देश में मंदिरों के माध्यम से सामुदायिक रसोई की भावना रही है। ...

PAANIGRAHAN SANSKAR - BADALTA स्वरुप
PAANIGRAHAN SANSKAR - BADALTA स्वरुप

पाणिग्रहण संस्कार-बदलता स्वरुप

by Anand M Mishra
  • 12.6k

पाणिग्रहण संस्कार के बाद पुरुष तथा स्त्री समाज के समक्ष युगल रूप में रह सकते हैं। यह सामाजिक स्वीकृति ...

MATA ANNAPURNA KI WAAPSI
MATA ANNAPURNA KI WAAPSI

माता अन्नपूर्णा की वापसी

by Anand M Mishra
  • 7.3k

आदि गुरु शंकराचार्यजी के अनुसार शुद्ध मन ही सबसे अच्छा और बड़ा तीर्थ है। इसके अलावा कुछ और कहने-सुनने ...

KABAAD
KABAAD

कबाड़

by Anand M Mishra
  • 7.3k

कबीरदासजी किसी विश्वविद्यालय में नहीं गए थे. लेकिन उनके ज्ञान के बारे में किसी को संदेह नहीं है. अपने ...

METAVERSE KAA JAMAANA
METAVERSE KAA JAMAANA

मेटावर्स’ का ज़माना

by Anand M Mishra
  • 7k

‘मेटावर्स’ का ज़माना मनुष्य पहले सोचता है-फिर उसी सोच को करने में जुट जाता है। इससे आविष्कार होने लगते ...

NITISHASTRA KI DIVIDHA
NITISHASTRA KI DIVIDHA

नीतिशास्त्र की दुविधा

by Anand M Mishra
  • 7.4k

नीतिशास्त्र की दुविधा मानव कभी-कभी दुविधा वाली स्थिति में फंस जाता है। मन कुछ सोच नहीं सकता है। नीतिशास्त्र ...

BHAY SE SANTUSTI
BHAY SE SANTUSTI

भय से संतुष्टि

by Anand M Mishra
  • 5.7k

कहानी नानी-दादी से सुनी थी। बहुत पुरानी बात है। एक राजा था। उसके पास घोडा था। घोड़ा सुंदर था। ...

SULEKH KI SAMASYA
SULEKH KI SAMASYA

सुलेख की समस्या

by Anand M Mishra
  • 9.8k

कोरोना संकट के बाद विद्यालय खुल गए हैं। बच्चों का आना शुरू हो गया है। एक परिवर्तन जो स्पष्ट ...

SOCIAL MEDIA SE LAABH YAA HAANI
SOCIAL MEDIA SE LAABH YAA HAANI

सोशल मीडिया से लाभ-हानि

by Anand M Mishra
  • 11.5k

बहुत पहले ही हमारे ऋषि-मुनियों ने कह दिया था कि– अति सर्वदा वर्जयेत! बात सोलह आने सही है। कोई ...

KAHO PUSTKALYA KAISE HO
KAHO PUSTKALYA KAISE HO

कहो पुस्तकालय! कैसे हो : एक निजी संवाद

by Anand M Mishra
  • 5.7k

"कहो पुस्तकालय! कैसे हो : एक निजी संवाद" सोच रहा था कि पुस्तकालय जाऊं तथा वहां की ...