Anand M Mishra - Stories, Read and Download free PDF

सामुदायिक रसोई योजना

by Anand M Mishra
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अपने देश में प्राचीन काल से ही देश में मंदिरों के माध्यम से सामुदायिक रसोई की भावना रही है। ...

पाणिग्रहण संस्कार-बदलता स्वरुप

by Anand M Mishra
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पाणिग्रहण संस्कार के बाद पुरुष तथा स्त्री समाज के समक्ष युगल रूप में रह सकते हैं। यह सामाजिक स्वीकृति ...

माता अन्नपूर्णा की वापसी

by Anand M Mishra
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आदि गुरु शंकराचार्यजी के अनुसार शुद्ध मन ही सबसे अच्छा और बड़ा तीर्थ है। इसके अलावा कुछ और कहने-सुनने ...

कबाड़

by Anand M Mishra
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कबीरदासजी किसी विश्वविद्यालय में नहीं गए थे. लेकिन उनके ज्ञान के बारे में किसी को संदेह नहीं है. अपने ...

मेटावर्स’ का ज़माना

by Anand M Mishra
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‘मेटावर्स’ का ज़माना मनुष्य पहले सोचता है-फिर उसी सोच को करने में जुट जाता है। इससे आविष्कार होने लगते ...

नीतिशास्त्र की दुविधा

by Anand M Mishra
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नीतिशास्त्र की दुविधा मानव कभी-कभी दुविधा वाली स्थिति में फंस जाता है। मन कुछ सोच नहीं सकता है। नीतिशास्त्र ...

भय से संतुष्टि

by Anand M Mishra
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कहानी नानी-दादी से सुनी थी। बहुत पुरानी बात है। एक राजा था। उसके पास घोडा था। घोड़ा सुंदर था। ...

सुलेख की समस्या

by Anand M Mishra
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कोरोना संकट के बाद विद्यालय खुल गए हैं। बच्चों का आना शुरू हो गया है। एक परिवर्तन जो स्पष्ट ...

सोशल मीडिया से लाभ-हानि

by Anand M Mishra
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बहुत पहले ही हमारे ऋषि-मुनियों ने कह दिया था कि– अति सर्वदा वर्जयेत! बात सोलह आने सही है। कोई ...

कहो पुस्तकालय! कैसे हो : एक निजी संवाद

by Anand M Mishra
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"कहो पुस्तकालय! कैसे हो : एक निजी संवाद" सोच रहा था कि पुस्तकालय जाऊं तथा वहां की ...